सेल्क्रॉन एक स्पर्शविष और उदरविष कीटनाशक है जो सोयाबीन की फसल में इल्लियों जैसे काली इल्ली (स्पोडोप्टेरा), कुबडवाली इल्ली (सेमीलुपर) और रिंग कटर (गर्डल बीटल) और रसचूसक कीडों जैसे एफीड, जेसिड और थ्रिप्स का प्रभावी नियंत्रण करता है।
सोयाबीन में सेल्क्रॉन का उपयोग 400 मिली. प्रति एकड़ की दर से सोयाबीन में फूल बनने की अवस्था में 200 लीटर पानी प्रति एकड़ में घोल बना कर कर सकते है।
सेल्क्रॉन इल्ली/सुन्डी और रसचूसक कीटों का प्रभावी नियंत्रण करता है।
सेल्क्रॉन एक बेहतरीन अंडानाशी है और लंबे समय तक नियंत्रण देता है।
सेल्क्रॉन में पत्तों के निचले सतह तक पहुँचने वाली अनूठी 'ट्रांस्लामिनार क्रिया' मौजूद है।
सेल्क्रॉन से उपचारित पौधों या पत्तों के खाने से या इसके सम्पर्क में आने से कीड़ों को लकवा मार जाता है और उनकी मौत हो जाती है।
सेल्क्रॉन के छिड़काव के समय साथ में हर्बोजाइम अवश्य मिलाए। हर्बोजाइम सोयाबीन में फूलों और फलियों की संख्या बढ़ाता है।
स्प्रे को लम्बा असर और अच्छे परिणाम के लिए साथ में श्योर शॉट जरूर मिलाए।
सेल्क्रॉन के उपयोग की मात्रा - सोयाबीन में सेल्क्रॉन का उपयोग 400 मिली. प्रति एकड़ की दर से कीजिये।
सेल्क्रॉन के उपयोग का समय - सोयाबीन में फूल बनने की अवस्था में सेल्क्रॉन का स्प्रे करें।
सेल्क्रॉन के उपयोग की विधि - सेल्क्रॉन की सिफारिश की हुई मात्रा को 200 लीटर पानी प्रति एकड़ में घोल बना कर स्प्रे करें।
सेल्क्रॉन के उपयोग की सावधानियाँ - बेहतर परिणामों के लिए पहले सेल्क्रॉन का घोल तैयार करें, फिर इस घोल में श्योर शॉट को 40-50 मिली. प्रति एकड़ के हिसाब से मिलाएं
सुरक्षा टिप्स:
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