हर एक कण शक्तिशाली
कुफ्लो एक बहु-स्थल संपर्क फफूंदनाशक है जो पत्ती की सतह पर एक सुरक्षात्मक रोकथाम की परत बनाता है। फफूंदनाशक में मौजूद कॉपर आयन (Cu++) कवक कोशिका के प्रोटोप्लाज्म में प्रवेश करते हैं और Ca तथा Mg + + कॉम्प्लेक्स (प्रोटीन) में धनायन को विस्थापित कर देते हैं, जिससे इन एंजाइमों के बिना कार्य करने की कई एंजाइमों की क्षमता नष्ट हो जाती है और इस प्रकार फफूंद के बीजाणु अंकुरित और विकसित नहीं हो पाते हैं।
सुमिटोमो केमिकल्स इंडिया लिमिटेड (एससीआईएल) भारत की अग्रणी कृषि रसायन कंपनियों में से एक है, जो अपनी उत्कृष्टता और नवाचार के लिए जानी जाती है। प्रसिद्ध वैश्विक रासायनिक कंपनी सुमिटोमो केमिकल कंपनी, जापान (एससीसी) की सहायक कंपनी के रूप में, हम भारतीय किसानों को सशक्त बनाने और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञता और आधुनिक समाधान प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
यह आपकी मिर्च और खीरे की फसल की सुरक्षा के लिए डिजाइन किया गया एक असाधारण और उच्च गुणवत्ता वाला फफूंदनाशक है । कुफ्लो (ट्राइबेसिक कॉपर सल्फेट 34.5% W/V SC) व्यापक अनुसंधान और विकास का परिणाम है, जिसे भारतीय किसानों के सामने आने वाली कई फसलों में होने वाले रोगों की चुनौतियों को हल करने के लिए तैयार किया गया है।
छोटे कणों के आकार में ज़बरदस्त ताकृतः कुफ्लो में 1 माइक्रोन से छोटे अधिकतम कणों के साथ एक असाधारण विशेषता होने का दावा किया जाता है। यह अल्ट्रा-फाइन फॉर्मूलेशन आपकी फसलों की कैनोपी को बेहतर कवरेज देना सुनिश्चित करती है।
मल्टी-साईट संपर्क वाला फफूंदनाशक: कुफ्लो कई तरह से संपर्क करके काम करता है। यह कई तरीकों से काम करने के माध्यम से बीमारियों पर हमला करके शक्तिशाली, उन्नत फॉर्मूलेशन सुरक्षा प्रदान करता है।
बेहतर प्रभाव और व्यापक स्पेक्ट्रम : कई बीमारियों के खिलाफ प्रभावी और लंबे समय तक चलने वाला प्रभाव।
फॉर्मूलेशन में बेहतर स्थिरता: कुफ्लो फॉर्मूलेशन में स्थिरता होने से इससे लगातार छिड़काव की सुविधा मिलती है, नोजल में रुकावट की परेशानी को खत्म किया जाता है और इसका लगातार प्रयोग सुनिश्चित किया जाता है।
स्वस्थ फसल कैनोपी: रोग मुक्त फसल बेहतर उपज और उपज की गुणवत्ता में योगदान करती है।
पर्यावरण के अनुकूल : एससी फॉर्मूलेशन पर्यावरण के लिए अधिक सुरक्षित है।
कुफ्लो से Cu++ का निकलना CUSO4, 3Cu(OH), द्वारा
100% लगाए गए कॉपर Cu++ आयन निकल सकते हैं
75% Cu++ आयन के रूप में बिना किसी देरी के तुरंत निकल जाते हैं
25% तांबे को निकलने से पहले रूपांतरित किया जाता है
Cu++ आयनों के धीमी गति से निकलने से लंबी सुरक्षा सुनिश्चित होती है
कुफ्लो कण का औसत आकार - 0.6um
छोटे कण का आकार = अधिक सतह कवरेज
अधिक Cu++ आयन = बेहतर रोग प्रबंधन
कुफ्लो की मात्रा :
800 मि.ली / एकड़, 200 लीटर पानी
कुफ्लो उपयोग की अवस्था
वानस्पतिक अवस्था से फूल आने की अवस्था एवं फूल आने की अवस्था से फल विकास अवस्था तक
ध्यान दें : पहला छिड़काव रोग की शुरुआत से ठीक पहले या शुरुआत में करें और उसके बाद फसल में रोग के दबाव के आधार पर 15-20 दिनों के अंतराल पर दूसरा छिड़काव करें। अधिकतम दो स्प्रे प्रयोग करें। कैनोपी को बीमारियों से सुरक्षित रखने के लिए पहले से उपयोग हमेशा बेहतर होता है।
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सुरक्षा टिप्स: