सुमिटोमो केमिकल का कोरको फॉल आर्मी वार्म और रस चुसक कीटों के लिए एक उचत्तम कीटनाशक है। कोरको का इस्तेमाल करने से फॉल आर्मी वार्म और रस चुसक कीटों पर लंबी अवधि का नियंत्रण मिलता है।
कोरको एक आधुनिक तकनीक से बनी दवा है कोरको से मिलता है लंबी अवधि का नियंत्रण, कोरको बहुआयामी एवं बहुफसल उपयोगी है, कोरको छुपे हुए कीटों को भी मार गिरता है और एक बेहतरीन अंडानाशी है।
स्टेज 1/दिवस (1-3): मक्का की फॉल आर्मी वार्म की मादा अपने जीवन काल में 100-150 अण्डों के समूह 600-1500 अण्डे पत्तों के नीचे देती है। अण्डे पौधों के तनों व पत्तों के अन्य भाग में भी देखे जा सकते हैं।
स्टेज 2/दिवस (3-6) : लार्वा अण्डों से निकलकर पत्तों को खाते हैं जिससे पत्तों पर खिड़की नुमा जाली बन जाती है। अगर मक्का में कोब का निर्माण हो चुका है तो लार्वा उसमें छेद कर अन्दर के नए नरम दाने खाना शुरू कर देता है।
स्टेज 3/दिवस (6-14) : 4-6 दिनों में लार्वा तने में घुस कर तना नष्ट कर देता है जिससे नए पत्तिओं और कॉब का निर्माण रुक जाता है जिससे उत्पादन में भारी गिरावट आती है।
स्टेज 4/दिवस (14-23) : 14 दिनों के बाद वयस्क लार्वा नीचे जमीन पर गिर जाता है और जमीन में 2-8 सेमी गहराई में लार्वा कोकून धारण करता है 8-9 दिन कोकून में रहने के बाद एक वयस्क पतंगा बन कर निकलता है। यह फॉल आर्मी वार्म का पतंगा फिर से अपना जीवन चकर शुरू कर देता है।
मक्का की फॉल आर्मी वार्म अफ्रीका में पाई जाने वाली इल्ली की प्रजाति है, अब यह भारत में भी पाई जाने लगी है। इस इल्ली ने अफ्रीका के मक्का के किसानों को बहुत नुकसान पहुंचाया जिससे किसानों की मक्का की फसल 30-40% तक नष्ट हो गई।
मक्का की फॉल आर्मी वार्म के जीवन चक्र में उसका लार्वा सबसे घातक सिद्ध होता है, मक्का की फॉल आर्मी वार्म का लार्वा 80 प्रकार के मुख्य पोधों को अपना भोजन बनाता है। जिसमें प्रमुख है मक्का, धान, ज्वार, गन्ना, कपास और सब्जी की फसलें।
यह लार्वा शुरुआती अवस्था में फसल को 15-25% तक नुकसान पहुँचाता है, अगर इसका सही समय पर नियंत्रण नहीं किया जाए तो नुकसान 30-35% तक बढ़ जाता है या पूरी फसल बर्बाद हो जाती है।
एक और चौंकाने वाली बात यह है कि यह कीट कई पीड़ियों का प्रजनन एक साल में कर सकता है। और इसका वयस्क 100 कि.मी. तक का सफर एक रात में कर सकता है।
शोध से पता चला है की मक्का की फॉल आर्मी वार्म के लावों को रोकना शुरुआती अवस्था में ही उपयोगी होता है नहीं तो किसान भाइयों को फसल में भारी नुकसान हो सकता है।
मक्का की फॉल आर्मी वार्म के लावों की रोकथाम के लिए जापान से अविष्कृत दवाई कोरको
इल्लियों के लिए एक उच्चत्तम कीटनाशक, लंबी अवधि का नियंत्रण।
बहुआयामी एवं बहुफसल उपयोगी, छुपे हुए कीटों को भी मार गिराए।
बेहतरीन अंडानाशी, अंडे से लेकर इल्लियों की सभी अवस्थाओं तक नियंत्रण।
तेज़ी से मारे ट्रांसलेमिनार गतिविधि के साथ पेट और संपर्क क्रिया के द्वारा उपयोग के 24 घंटे के भीतर कीट को मारता है।
केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड द्वाटा फॉल आर्मी वॉर्म के नियंत्रण के लिए प्रमाणित
उपयोग में आसान और फसलों के लिए सुरक्षित, कोरको छिडकाव के बाद पत्तो की निचली सतह तक पहुच कर कीटों को मार गिराए।
कोरको छिड़काव के बाद इल्लिया पत्तों को कुतरना - खाना बंद कर देती है और उन्हें कुछ ही घंटो में लकवा मार जाता है।
जब अन्य कीटनाशक इल्लियों पर असर न दिखाए तो कोरको एक कारगर हथियार!
कोरको के उपयोग की मात्रा - कोरको का उपयोग 300 ग्राम प्रति एकड़ कीजिये।
कोरको के उपयोग की विधि - कोरको की सिफारिश की हुई मात्रा को 150 से 200 लीटर पानी के साथ घोल बनाकर प्रति एकड़ की दर से एकसार छिड़काव करें।
कोरको के उपयोग की सावधानियाँ - कोरको का घोल अच्छी तरह बनाये और बराबर छिड़काव करे।
सुरक्षा टिप्स:
***इस वेबसाइट पर दी गई जानकारी केवल संदर्भ के लिए है। उपयोग के लिए पूर्ण विवरण और निर्देशों के लिए हमेशा उत्पाद लेबल और साथ में लीफलेट देखें।