लेनो एक विभिन्न तरह से काम करने वाला कीटनाशक है। यह सफेद मक्खी/मच्छर के नियन्त्रण के लिए एक बहुत ही उपयोगी तरीका है।
लेनो सफेद मक्खी/मच्छर की सभी अवस्थाओं पर काम करता है। अगर लेनो कीट के बच्चे पर पड़े तो वह कभी वयस्क नहीं बन पाता है और अगर लेनो वयस्क कीट पर पड़े, तो वह कभी प्रजनन अवस्था तक नहीं पहुंच पाता है इस तरह से लेनो का उपयोग सफेद मक्खी/मच्छर की हर अवस्था का नियन्त्रण करता है।
मनुष्यों की तरह कीटों और जानवरों में भी हारमोन पाए जाते हैं। सफेद मक्खी के अण्डों, बच्चों व वयस्कों में एक हारमोन पाया जाता है जिसे जूवेनाईल हारमोन (JH) कहते हैं। जब यह हारमोन खत्म हो जाता है तो कीट अगली अवस्था में पहुँच जाता है।
लेनो इस हारमोन को बढ़ा देता है और कभी खत्म नहीं होने देता। अगर हारमोन खत्म नहीं होगा तो कीट अगली अवस्था में नहीं पहुँच पाएगा और अपनी उसी अवस्था में ही खत्म हो जाएगा,
यानि कीट का अण्डा कभी बच्चा नहीं बन पाता है।
अगर लेनो कीट के बच्चे पर पड़े तो वह कभी वयस्क नहीं बन पाता है।
और अगर लेनो वयस्क कीट पर पड़े, तो वह कभी प्रजनन अवस्था तक नहीं पहुंच पाता है।
इस तरह से लेनो का उपयोग सफेद मक्खी की हर अवस्था का नियन्त्रण करता है।
लेनो के स्प्रे के 14 दिन बाद : लेनो के काम करने का पहला संकेत पेट वाले भाग का दबना है, निम्फ अभी भी आधा पारदर्शी है।
लेनो के स्प्रे के 18 दिन बाद : लेनो के काम करने के लक्षणों के आगे बढ़ने से चपटापन जारी रहता है और बच्चा सूख जाता है।
लेनो के उपयोग की मात्रा - लेनो का उपयोग 500 मिली/एकड़/200 लीटर पानी की दर से कीजिये।
लेनो के उपयोग का समय - पहली बार सफेद मक्खी के सबसे पहले दिखाई देने पर और दूसरी बार 12-14 दिन बाद छिड़काव करें।
लेनो के उपयोग की विधि - लेनो की सिफारिश की हुई मात्रा को 200 लीटर पानी में घोल बना कर सफेद मक्खी के सबसे पहले दिखाई देने पर स्प्रे करें।
लेनो के उपयोग की सावधानियाँ - लेनो की सिफारिश की हुई मात्रा का उपयोग करें। पौधों का अच्छी तरह से कवरेज़ सुनिश्चित करें।
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सुरक्षा टिप्स: