मांज़ो क्या है ?

स्वस्थ कपास की फसल पाने में किसान भाईयो को हमेशा सबसे ज्यादा परेशान करती है सफ़ेद मक्खी।

कपास की फसल को हानि पहुचाने वाली सफेद मक्खी की समस्या को सुलझाने के लिए सुमिटोमो लाया है - एक नया, अनोखा और असरदार उपाय - मांज़ो।

मांज़ो एक अंर्तप्रवाही और सम्पर्क कीटनाशक है। मांज़ो एक ही छिड़काव में रस चूसक कीट जैसे सफेद मक्खी, हरा तेला, काला तेला और थ्रिप्स को खत्म कर देता है। मांज़ो दो कीटनाशकों का एक बेहतरीन सम्मिश्रण है।

मांज़ो सफ़ेद मक्खी और उसके परिवार की समस्या का एक प्रभावशाली समाधान


Sumitomo Manzo Pack shot and icon

सफ़ेद मक्खी और निम्फ पत्तों का रस चुसते हैं और उन्हें चिपचिपा बना देते हैं। पत्तों में एक प्रकार की उल्ली जम जाती है। जिससे पत्ते काले हो जाते हैं। इस से प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया बाधित होकर पत्ते झड जाते हैं। इस वजह से पौधे कमजोर हो जाते हैं और फसल की उपज भी कम होती है।

मांज़ो कीट के पाचन तंत्र को कमजोर करता है तथा सफेद मक्खी का संपर्क होते ही उसे नष्ट कर देता है।

मांज़ो सफेद मक्खी के अण्डे, निम्फ, बालिग और कीट - ये सभी अवस्थाओं पे काम करता हैं और उनकी वृद्धी पर रोक लगा देता हैं। इतना ही नहीं कीट की अंडे देने की क्षमता को भी नष्ट कर देता है। जिससे कीट की पैदावार की बढोत्री नियंत्रित हो जाती है। सही मायने में मांज़ो कीट की संपूर्ण जीवनचक्र को ही पूर्ण रूप से नष्ट कर देता है।

मांज़ो के फायदे क्या हैं ?


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मांज़ो के छिड़काव से सफेद मक्खी और रसचूसक कीटों द्वारा पत्तों का रस चूसना तुरंत बंद हो जाता है।

मांज़ो के छिड़काव से रसचूसक कीटों की वृद्धी लम्बे दौर तक नियंत्रित हो जाती है। जिससे पौधे स्वस्थ बनते हैं।

मांज़ो के छिड़काव से रफूलों और फलों की संख्या अधिक होती है एवं फसल भी हरी भरी हो जाती है।

मांज़ो के छिड़काव से उपज में भी भरपूर वृद्धि होती है।

मांज़ो सफेद मक्खी के सभी अवस्थाओं को बहुत असरदार तरीके से नियंत्रित करके कीट के पूरे परिवार को नष्ट कर देता है।

मांज़ो में ट्रांसलेमीनर प्रक्रिया और बाष्प क्रिया भी है जो पौधे में सभी छुपे कीटों को ख़त्म करती है।

मांज़ो के परिणाम


Sumitomo Manzo in Cotton Crop

Sumitomo Manzo in Cotton Crop

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मांज़ो के प्रयोग की विधि और मात्रा क्या है?


मांज़ो के उपयोग की मात्रा - कपास में मांज़ो का उपयोग 400 मि. ली. प्रति एकड़ की दर से कीजिये।

मांज़ो के उपयोग का समय - मांज़ो का छिड़काव फसल में सफेद मक्खी, हरा तेला, काला तेला और थ्रिप्स का संक्रमण होने पर तुरंत करें।

बेहतरीन परिणाम के लिए 10-15 दिनों में दूसरा छिड़काव करें।

मांज़ो के उपयोग की विधि - मांज़ो की सिफारिश की हुई मात्रा को 150 से 200 लीटर पानी के साथ घोल बनाकर प्रति एकड़ की दर से एकसार छिड़काव करें।

मांज़ो के उपयोग की सावधानियाँ - प्रभावी परिणाम के लिये 15 लिटर छिड़काव-घोल की टंकी में 5 मिली श्योर शॉट मिलाएं।

छिड़काव के कुछ घंटों बाद बारिश होने पर भी मांज़ो असरदार रहता है।

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