यह चार प्रकार के एंडो माइकोराइजा का एक बहुत ही खास मिश्रण है । इन चार प्रकार के एंडो माइकोराइजा को कई सालों की खोज के बाद तय किया गया है।
माइकोराइजा लाभकारी प्रकार का फंगस है जो अधिकांश पौधों की जड़ों के साथ बढ़ता है ।
माइकोराइजा से जड़ों द्वारा मिट्टी से पोषक तत्वों तथा पानी को सोखने की क्षमता बढ़ती है यह जड़ों के सोखने की सतह का क्षेत्रफल लगभग 100 से 1000 गुना तक बढ़ा देता है ।
माइकोराइजा से ताकतवर एंजाइम भी निकलते हैं, जो ऑर्गनिक नाइट्रोजन और आयरन जैसे पोषक तत्वों को घोलने में मदद करते हैं ।
क्या माइकोराइजा पौधों के लिए अच्छा है?
माइकोराइजा के अनेक प्रकार हैं किंतु अनुसंधान से दर्शाया गया है कि केवल एंडो माइकोराइजा खेत की फसलों के लिए अच्छा है। एंडो माइकोराइजा के भी कई प्रकार होते हैं, जो खेत की फसलों के लिए बहुत लाभकारी नहीं होते हैं । अतः यह महत्वपूर्ण है कि सही अनुपात में एंडो माइकोराइजा के केवल खास प्रकार का उपयोग किया जाए। नेचर डीप में हमने इन सही अनुपात में और सही प्रकार के एंडो माइकोराइजा का पता लगाया है।
नेचर डीप में चार प्रकार के एंडो माइकोराइजा होते हैं। ये हैं :
ग्लोमस मोसेइ
ग्लोमस एग्रीगेटम
ग्लोमस इंट्रा रेडिसेज़
ग्लोमस एटुनिकेटम
इसका अनुपात क्या होता है ?
माइकोराइजा एप्लीकेशन्स यूएसए (सुमिटोमो केमिकल्स, जापान की सहायक कंपनी) के इन चार प्रकारों के अनुपात का ट्रेड सीक्रेट है। इसे कई सालों की खोज और क्षेत्र परीक्षण के बाद तैयार किया गया है। आप इसके बारे में वेबसाइट https:// mycorrhizae.com पर पढ़ सकते हैं।
माइकोराइजल इनोक्यूलम से प्रोपेग्यूल्स अंकुरित होते हैं और बढ़ते हुए जड़ तंत्र के साथ सहजीवी संबंध बनाते हैं।
माइकोराइजल हाइफी आस पास की मिट्टी में फैलते हैं, जिससे पौधे की जड़ का प्रभावी हिस्सा बढ़ जाता है।
आम तौर पर पौधे अपनी जड़ों के आस पास से सोखते हैं, जहां पोषक तत्व पाए जाते हैं। यह रिसाव का क्षेत्र कहलाता है। किंतु नेचर डीप से हाइफी रिसाव क्षेत्र के आगे फैल जाता है। इस तरह जड़ों के सोखने का हिस्सा बढ़ जाता है। सोखने का क्षेत्रफल 50 गुना तक बढ़ जाता है।
क्या नेचर डीप ऑर्गनिक है ? जी हां, यह 100% ऑर्गनिक है
लाभ
यह फॉस्फोरस को पौधे के लिए उपलब्ध कराता है (ये फंगस एक ऐसा एंजाइम पैदा करते हैं जो फॉस्फोरस पौधे के लिए उपलब्ध कराता है)
जड़ें कुछ पोषक तत्वों तक पहुंच सकती हैं जो मिट्टी में दूर पाए जाते हैं ।
जड़ें दूर के स्थान से भी पानी ले सकती हैं।
इससे बारिश आने में देर होने पर पौधों को लंबे समय तक जीवित बने रहने में लाभ मिल सकता है।
कुछ और फायदे
अधिक पीएच वाली मिट्टी (7 - 8) में, पौधों की वृद्धि में मदद मिल सकती है।
अधिक लवण वाली मिट्टी (लवण सामान्य से अधिक)
ध्यान में रखने योग्य बात: बहुत अधिक लवण और पीएच में, इससे बहुत अधिक मदद नहीं मिलती है।
सेब में नेचरडीप के फायदे
जड़ो की जड़े बढ़ाएं
पौधे को न्युट्रियंट (पोषक तत्व) का अपटेक करने में सहायता करता है ।
तंदरुस्त पौधा मतलब ज़्यादा पैदावार
मिट्टी को उपजाऊ बनाता है
नेचरडीप के उपयोग से पौधो की Water use efficiency (WUE) यानी पौधो में जल उपयोग दक्षता बढती है
नेचरडीप कि वजह से मिट्टी अधिक उपजाऊ बनती है
नये पौधे में (0-2 साल) - 400 ग्राम/एकड़
पुराने पौधे (3 साल से अधिक) 500 ग्राम / एकड़
सुचना - नेचर डीप का उपयोग सेब के पौधे के जड़ के आस-पास होना बहुत ही आवश्यक है । इस लिए पौधे के तने के आस-पास के क्षेत्र में जहां नई जड़ उत्पन्न हो रही है वहां सेब के पौधे तने के चारों ओर रिंग बना कर नेचर डीप का उपयोग करें, ट्रेंचिग या खाद के माध्यम से ।
नेचर डीप उपयोग करने का सबसे अच्छा समय
नये पौधो के लिए - पौधा रोपण के बाद (1 से 5 साल) हर साल नई शाखाये निकलते समय एक बार उपयोग करना आवश्यक है ।
पुराने पोधो के लिए - सेब की तुडाई के बाद खाद देते समय नेचर डीप मिला कर उपयोग करें ।
Bud formation (पुटवार की अवस्था में ) - सिफारिस कि गई मात्रा को खाद या ट्रेंचिंग के साथ उपयोग करें । |
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सुरक्षा टिप्स: