नेचर डीप एक जैविक उत्पाद है तथा इसमें मायकोरायझा नामक फफूंद है, यह फफूंद आपके आलू के पौधों की जड़ों पर पनपती है और जडों की कक्षा बढ़ जाती है. इससे आलू का पौधा अधिक से अधिक अन्न द्रव्य ले सकता है और आलू का उत्पादन बढ़ जाता है। नेचर डीप का उपयोग आप ड्रेचिंग/ड्रिप/खाद के साथ छिट्टा लगाकर, कैसे भी कर सकते है।
नेचर डीप के इस्तेमाल से मिट्टी की उपजाऊ क्षमता बढ़ती है। इसका मतलब है, नेचर डीप मिट्टी में ह्यूमस बढ़ाता है और मिट्टी के सूक्ष्म जीवों की मात्रा बढ़ाकर मिट्टी में आर्गेनिक कार्बन की मात्रा बढ़ाता है।
जड़ों की जड़ें बढ़ाएं - नेचर डीप के इस्तेमाल से जड़ों का व्यापक विकास होता है। यह जड़ों की जड़ें जिसे हम सफेद जड़ कहते है उसका निर्माण करता है और यही जड़ें पौधे की ऊर्जा का स्रोत होती हैं। नेचर डीप से जड़ें अपना दायरा बढ़ा लेती है और जमीन में चारों दिशाओं में गहरी फैल जाती है।
पौधे को न्यूट्रिएंट (पोषक तत्व) का अपटेक करने में सहायता करता है। - नेचर डीप से सफेद जड़ का भरपूर निर्माण होता है, यही सफेद जड़ पौधे को आवश्यक न्यूट्रिएंट जैसे- नाइट्रोजन, पोटाश, ज़िंक, मैग्नीशियम, कैल्शियम इत्यादि तत्व तथा पानी को पौधे तक उपलब्ध कराता है।
तंदरुस्त पौधा मतलब ज़्यादा पैदावार - नेचर डीप एक जैविक फफूंद है जो जड़ों में हानिकारक बैक्टीरिया से पौधे को बचाता है। नेचर डीप से पौधे की जड़ का विकास होता है और जैसे की आप जानते हैं ज़्यादा जड़ मतलब तंदुरुस्त पौधा और तंदुरुस्त पौधा ज्यादा उत्पादन देता है।
मिट्टी को उपजाऊ बनाता है - नेचर डीप के इस्तेमाल से मिट्टी की उपजाऊ क्षमता बढ़ती है। इसका मतलब है नेचर डीप मिट्टी में ह्यूमस बढ़ाता है और मिट्टी के सूक्ष्म जीवों की मात्रा बढ़ाकर मिट्टी में आर्गेनिक कार्बन की मात्रा बढ़ाता है।
क्या आप जानते है? - आप अपने खेत में डीएपी एवं फासफोरस युक्त खाद का भारी मात्रा में उपयोग करते हैं। इस खाद में से 30% से 40% खाद जमीन में ही रह जाती है। नेचर डीप के प्रयोग से यह बची हुई खाद पौधे को उपलब्ध होती है। और खेत भी उपजाऊ रहता है।
नेचरडीप के उपयोग की मात्रा - आलू की फसल में नेचरडीप का उपयोग 200 ग्राम/एकड़ की दर से कीजिये।
नेचरडीप के उपयोग की विधि - आलू की फसल में नेचर डीप का उपयोग आप ड्रेंचिंग, बीजोपचार तथा स्प्रे के द्वारा कर सकते हैं।
ड्रेचिंग द्वारा - आलू की फसल में 200 ग्राम/एकड़ नेचरडीप का उपयोग प्रति 200 लीटर पानी में, बुवाई के बाद ड्रिप इरिगेशन या हैंड ड्रेंच से करें।
बीजोपचार द्वारा - आलू बोने से पहले आलू के कंदों में 200 ग्राम नेचरडीप को 10 लीटर पानी में मिलाकर 10-12 क्विंटल आलू पर लगाएं। कंदों के दोनों ओर लगाएं।
आलू के कंदों पर स्प्रे (बुवाई के दौरान) - बुवाई के दौरान आलू के कंदो पर नेचरडीप का स्प्रे करें और उन्हें मिट्टी से ढक दें।
नेचरडीप के उपयोग की सावधानियाँ - नेचरडीप की सिफारिश की हुई मात्रा का उपयोग करें। बेहतर परिणामों के लिए संपूर्ण कवरेज सबसे महत्वपूर्ण है
यदि आपको नेचर डीप खरीदना है तो कृपया संपर्क करें
सुरक्षा टिप्स:
***इस वेबसाइट पर दी गई जानकारी केवल संदर्भ के लिए है। उपयोग के लिए पूर्ण विवरण और निर्देशों के लिए हमेशा उत्पाद लेबल और साथ में लीफलेट देखें।