टाबोली एक आधुनिक तकनीक से बनी दवा है जिसको सुमिटोमो कैमिकल के वैज्ञानिकों ने कई साल की कड़ी मेहनत से बनाया है। टाबोली पौधों में अधिकतर मात्रा में फूल लाने की विधि को बढ़ाती है जिससे ज्यादा से ज्यादा फूल आते हैं, ज्यादा फूल यानी ज्यादा फली। टाबोली के उपयोग से फूल और फली ज्यादा तैयार होने से भारी मात्रा में उत्पादन बढ़ता है।
टाबोली का छिडकाव पौधों पर होते ही, पौधों का पूरा नियंत्रण टाबोली अपने हाथ में लेता है। पौधों में जब फूल आने का समय रहता है तब पौधों में टाबोली में पाए जाने वाले तत्त्वों की जरुरत होती है जो कई बार पौधा खुद तैयार नहीं कर पाता और कई बार पौधों की ऊर्जा एवं भोजन का सही उपयोग ना होते हुए पौधा ज्यादा बढ़ तो जाता है लेकिन उसमें फूल नहीं लग पाते।
टाबोली इन सभी प्रकार की क्रिया को नियंत्रित करते हुए फूल आने की विधि को बढ़ावा देता है जिसके कारण पौधों में फूल सही समय पर आ जाते हैं एवं फूलों की संख्या ज्यादा होती है।
टाबोली के उपयोग से फसल में ज्यादा से ज्यादा फूल आते है।
टाबोली के उपयोग से शाखाओं का विकास होता है।
टाबोली फसल के फूलों का रूपांतर फली में करके फूल को गिरने से बचाता है।
टाबोली से ज्यादा फूल और ज्यादा फली लगती है।
टाबोली से फली का वजन और आकार बढ़ता है।
ज्यादा फूल, ज्यादा फली यानी ज़्यादा पैदावार।
टाबोली के उपयोग की मात्रा - टाबोली का उपयोग 30 मिली प्रति एकड़ कीजिये।
टाबोली के उपयोग का समय - टाबोली का उपयोग फसल में फूल निकलते समय उपयोग करें
टाबोली के उपयोग की विधि - टाबोली की सिफारिश की हुई मात्रा को 150 से 200 लीटर पानी के साथ घोल बनाकर प्रति एकड़ की दर से एकसार छिड़काव करें।
टाबोली के उपयोग की सावधानियाँ - सर्वोत्तम परिणाम के लिए टाबोली की बताई हुई मात्रा का पूर्ण इस्तेमाल करें.
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सुरक्षा टिप्स:
***इस वेबसाइट पर दी गई जानकारी केवल संदर्भ के लिए है। उपयोग के लिए पूर्ण विवरण और निर्देशों के लिए हमेशा उत्पाद लेबल और साथ में लीफलेट देखें।