खेती के दौरान किसानों को नियमित समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

  • कमजोर तना और कम फैलाव।
  • पत्तियों का कमजोर व हल्का रंग होना।
  • फुलों का कम आना व अधिक गिरना।
  • फलियों का बनना, विकास व परिपक्वता असामान्य होना।
  • तुलनात्मक रूप से जड़ो का कम विकास होना।

क्या आपको लगता है कि आपने जितना पैसा लगाया है, उसके अनुरूप आपकी फसल की पैदावार नहीं है?

पेश करते हैं विद्युत

उन्नत फसल ऊर्जा वर्धक खेती के दौरान आने वाली अधिकांश नियमित समस्याओं का एक शक्तिशाली समाधान


दिखने वाले प्रभाव और उनके लाभ

मोटी और गहरे हरे रंग की पत्तियां जो लम्बे समय तक हरी-भरी रहती है।

क्लोरोफिल की अधिक मात्रा के कारण पौधों में लम्बे समय तक ऊर्जा उत्पादन होता है जो उपज में वृद्धि करता है।

तने में दो गाठों की दूरी कम करता है, पौधों को अतिरिक्त लम्बाई से रोकता है और शाखाओं में वृद्धि करता है।

अधिक गाँठे और सीमित झाडी नुमा पौधे होने की वजह से अधिक फुल आते है और स्वस्थ क्रियाए आसानी से हो जाती है।

अच्छी तरह से विकसित और प्रभावी जड़ तंत्र होने से भोजन लेने वाली जड़ो की संख्या बढ़ती है।

मिट्टी में डाले गये पोषक तत्व, नमी का शुचारु अवशोषण व उपयोग।

तुलनात्मक ज्यादा, जल्दी फूल।

बार-बार टुडाई वाली फसलों में फुल-फलों के गिरने से होने वाले नुकसान को बचाता है।

एकसमान, ज़ल्दी और बेहतर फल विकास।

पहले की तुलना में आसान और समन्वित कटाई जिसके परिणामस्वरूप बाजार में बेहतर उत्पादन मूल्य।

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सोयाबिन पर कब और कितना विद्युत इस्तेमाल करना है।


उपयोग का समय खुराक प्रति 1 एकड स्प्रे टैंकों की संख्या
बोवाई के 35–40 दिन बाद या फूल की शुरुवाती अवस्था में 30 मिली 10
आपको एक बाल्टी / हांडा / ड्रम, एक मग / लोटा, एक स्प्रे टैंक की आवश्यकता होगी
प्रक्रिया

चरण 1 - बाल्टी में 10 डिब्बे पानी भर लें।

चरण 2 - 30 मिली विद्युत को नाप कर डालें।

चरण 3 - विद्यूत को अच्छी तरह से पानी में मिलाए।
अब आपकी दवाई (विद्यूत) का घोल उपयोग के लिए तैयार है।
चरण 4 - पहले आधा टंकी साफ पानी भर लें और एक डिब्बा दवाई डाल दें फिर टंकी को पूरा भर लें।

चरण 5 - अब आप स्प्रे कर सकते हैं।

और बाद में एक एकड़ में बाकी 9 टंकीयों का और इस्तेमाल करें। लिये जाने वाली पानी के डिब्बों की संख्या, 1 एकड़ फसल क्षेत्र की पूर्ती करने के लिए आवश्यक स्प्रे टैंकों की संख्या पर निर्भर करती है। विभिन्न फसलों में विद्युत की मात्रा विभिन्न हो सकती है। बेहतर परिणामो के लिए प्रति टंकी 5 मिली श्योर शॉट का इस्तेमाल सुनिश्चित करें।

याद रखने वाली बातें


सिफारिश की गयी अवस्था में ही, सिफारिश की गयी मात्रा का प्रयोग करें । ध्यान रहे, अच्छे परिणामों के लिए, उचित मात्रा का उपयोग बहुत ही आवश्यक है।

यह सूनिश्चित करें कि सोयाबिन अत्याधिक तनाव में तो नही है। (कीटों का अधिक हमला, पानी की अधिक कमी)

फसल को अच्छी तरह से और केवल एक वार स्प्रे करें - टंकी के घोल को खत्म करने के लिए उपचारित क्षेत्र में दोबारा स्प्रे न करें।

विद्यूत के उपयोग के समय मिट्टी मे प्रयाप्त नमी होनी चाहिए।

विद्युत के उपयोग के बाद, ज्यादातर, फसल में अन्य किसी पौध वृद्धि उत्तेजक के उपयोग कि जरुरत महसूस नहीं होती।

सोयाबीन में सिफारिश की गई पोषक तत्वों/खाद की मात्रा का उपयोग अवश्य करना चाहिए।

विद्युत के बारे में किसानों की राय

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***इस वेबसाइट पर दी गई जानकारी केवल संदर्भ के लिए है। उपयोग के लिए पूर्ण विवरण और निर्देशों के लिए हमेशा उत्पाद लेबल और साथ में लीफलेट देखें।