 
        बेहतर फसल उत्पादन के लिए किसान पूरे उत्साह से खेती की शुरुआत से अंत तक मेहनत करता है ताकि अपने परिवार और देश में खुशियों और समृद्धि के रंग भर सके।
फसल विकास के विभिन्न चरणों में इल्ली (सुंडी) प्रजाति के कीट फसल को सबसे अधिक नुकसान पहुँचाकर किसानों की उम्मीदों को बेरंग कर देती है। इल्लियों के नियंत्रण के लिए मौजूदा समाधान कारगर न होने से खेती में खर्च और नुकसान बढता जा रहा है। किसानों की इन समस्याओं को समझते हुए सुमिटोमो केमिकल इंडिया लिमिटेड लेकर आये है एक बेहतरीन समाधान
अदविका
लहराओ रंग सफलता का
अदविका इल्ली (सुंडी) प्रजाति के कीटों की विस्तृत श्रृंखला पर दोहरे प्रभाव की सहक्रिया के साथ, विभिन्न क्रिया स्थलों (प्रणाली) को लक्ष्य बनाकर कीटों पर, प्रभावी एवं व्यापक स्पेक्ट्रम नियंत्रण प्रदान करती है। अदविका कीटों के माँसपेशी और तंत्रिका तंत्र (नसों) पर दोहरा वार करती है कीट को लकवा और अंततः कीट की मृत्यु हो जाती है। अदविका प्रणालीगत व संपर्क विधि से पौधे के हर भाग में पहुँचकर सुरक्षा प्रदान करती है। अदविका संपर्क या भोजन के माध्यम से कीट के शरीर में प्रवेश कर तुरंत असर कर नुकसान से बचाता है। अदविका कीट के हर अवस्था (अंडे, लार्वा, वयस्क) पर असरदार है जिससे मिलती है लम्बे समय तक का प्रभावी नियंत्रण। अनोखी ZC फॉर्मूलेशन सक्रिय घटक के जीवनकाल को बढाने में मदद करते है और UV प्रकाश, गर्मी और pH मान के उतार-चढाव जैसे पर्यावरणीय कारकों से रसायन के असर को कम नहीं होने देते।
अदविका क्यों?
- तुरंत असर
- हर अवस्था में प्रभावी
- सुरक्षित फसल
 
            अदविका - विशेषताएं और लाभ
 
			        क्रिया का तरीका
प्रणालीगत, संपर्क व भोजन के द्वारा प्रवेश, मांसपेशियों व तंत्रिका तंत्र पर प्रभावी।
लेपिडोप्टेरान कीटों की विस्तृत श्रृंखला पर व्यापक स्पेक्ट्रम नियंत्रण।
 
			        ZC फॉर्मूलेशन
स्प्रे के बाद बेहतर स्थिरता।
तीव्र प्रारंभिक प्रभाव और विस्तारित अवशिष्ट नियंत्रण। लगातार प्रदर्शन और प्रभावकारिता।
 
			        ओवी - लार्विसाइडल प्रभाव
अंडो और लार्वा के सभी चरणों को मारता है।
लम्बी अवधि तक नियंत्रण।
अदविका - क्रियाविधि
 
			        अदविका इल्ली (सुंडी) प्रजाति के कीटों की विस्तृत श्रृंखला पर दोहरे प्रभाव की सहक्रिया के साथ, विभिन्न क्रिया स्थलों (प्रणाली) को लक्ष्य बनाकर कीटों पर, प्रभावी एवं व्यापक स्पेक्ट्रम नियंत्रण प्रदान करती है।
 
			        अदविका कीटों के माँसपेशी और तंत्रिका तंत्र (नसों) पर दोहरा वार करती है कीट को लकवा और अंततः कीट की मृत्यु हो जाती है।
 
			        अदविका प्रणालीगत व संपर्क विधि से पौधे के हर भाग में पहुँचकर सुरक्षा प्रदान करती है।
 
			        अदविका संपर्क या भोजन के माध्यम से कीट के शरीर में प्रवेश कर तुरंत असर कर नुकसान से बचाता है।
 
			        अदविका कीट के हर अवस्था (अंडे, लार्वा, वयस्क) पर असरदार है जिससे मिलती है लम्बे समय तक का प्रभावी नियंत्रण।
 
			        अनोखी ZC फॉर्मूलेशन सक्रिय घटक के जीवनकाल को बढाने में मदद करते है और UV प्रकाश, गर्मी और pH मान के उतार-चढाव जैसे पर्यावरणीय कारकों से रसायन के असर को कम नहीं होने देते।
अदविका - फसल, लक्षित कीट और मात्रा
फसल: भिंडी
			        मात्रा: 80 मिली/एकड़।
			        लक्षित कीट: फल/तना छेदक, जैसिड
 
			    फसल: धान
			        मात्रा: 100 मिली/एकड़।
			        लक्षित कीट: पत्ता लपेट, तना छेदक, हरा फुदका
 
			    फसल: सोयाबीन
			        मात्रा: 80 मिली/एकड़।
			        लक्षित कीट: सेमिलूपर, कटवर्म, गर्ड बीटल, स्टेम फ्लाई
 
			    फसल: मूंगफली
			        मात्रा: 80 मिली/एकड़।
			        लक्षित कीट: थ्रिप्स, लीफ माइनर, पत्ती खानेवाली इल्लियाँ
 
			    फसल: मिर्च
			        मात्रा: 250 मिली/एकड़।
			        लक्षित कीट: फल छेदक, थ्रिप्स
 
			    फसल: कपास
			        मात्रा: 100 मिली/एकड़।
			        लक्षित कीट: बॉलवर्म
 
			    फसल: उडद
			        मात्रा: 80 मिली/एकड़।
			        लक्षित कीट: फली छेदक, स्पोडोप्टेरा
 
			    फसल: अरहर
			        मात्रा: 80 मिली/एकड़।
			        लक्षित कीट: फली छेदक
 
			     
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